हाई कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड में अतिक्रण हटाओ अभियान तेज हो गया है और प्रशासन लगातार कार्यवाही कर रहा है । इसी के तहत एमडीडीए द्वारा 414 अतिक्रमण पर सरकारी बुल्डोजर चलना शुरू हो गया है । वही लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपने घर को वैध बताया है।
एनजीटी के आदेश के क्रम में रिस्पना नदी किनारे अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्यवाही की जा रही है। जिसको लेकर नगर निगम ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती से लेकर मोथरोवाला के बीच के 13 किलोमीटर भाग पर 27 मलिन बस्तियों का सर्वे किया था।
इनमें वर्ष 2016 के बाद 524 अतिक्रमण पाए गए थे, जिसमे 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि पर, जबकि 12 नगर पालिका मसूरी और 11 राजस्व भूमि पर पाए गए।
दूसरी तरफ नगर निगम के नियंत्रण में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए जिस भूमि को एमडीडीए के नियंत्रण में दिया गया था। उस पर 414 से अधिक अतिक्रमण होने की बात सामने आई है। नगर निगम ने चिन्हित अतिक्रमण हटा दिया है अब एमडीडीए का बडोजर चलता नज़र आया।
वही एमडीडीए द्वारा चिन्हित अतिक्रमण में निवास कर रहे लोगों का कहना है कि उनके पास 2016 से पहले के कागज़ है लेकिन उनके ऊपर अवैध कार्यवाही हुई है, जिसे लेकर उन्होंने सरकार से मुआवजा मांगा है।
उत्तराखंड में मानसून सीजन दस्तक दे चुका है ऐसे में प्रशासन की इस कार्यवाही से लोगों को सड़को पर रहने के लिए मजबूर होन पद रहा है । वही प्रशासन अपना कड़ा रुख अपनाते हुए हाई कोर्ट के फैसले की आज्ञा मान रहे है ।
अब देखना होगा की क्या अतिक्रमण हटाने से पूर्व यह बुल्डोजर रुकेगा या अतिक्रमण पर ऐसे ही कार्यवाही देखने को मिलेगी।