पौड़ी जिले में फारेस्ट फायर की घटनायें अब आउट ऑफ कंट्रोल हो रही हैं जिले में अब तक 150 से अधिक वनाग्नि घटनायें घट चुकी हैं जिससे 100 हैक्टर से अधिक का जंगल और लाखों रूपयें की वनसम्पदा जलकर खाक हो चुकी है ।
ऐसे में आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद ली जा रही है. लेकिन चारों तरफ धुआं होने के कारण वायु सेना का ऑपरेशन ‘अग्निपथ’ दूसरे दिन शुरू नहीं हो सका है. आज सुबह 6 बजे वायुसेना को हेलीकॉप्टर एमआई 17 से आग बुझाने का ऑपरेशन शुरू करना था, लेकिन लो विजिबिलिटी के कारण पांच घंटे तक हेलीकॉप्टर MI-17 हेलीपैड पर ही खड़ा रहा |
बता दें कि आज सुबह 11 बजे के आसपास वायु सेना के हेलीकॉप्टर एमआई 17 ने उड़ान भरी, लेकिन लो विजिबिलिटी के कारण श्रीनगर की एक बार टोह लेने के बाद ऑपरेशन को फिर बंद करना पड़ा. अब वायु सेना धुआं हटने का इंतजार कर रही है |
वहीं, वायु सेना के सामने धुआं और बड़े-बड़े बिजली के टावरों में झूलते हुए तार भी समस्या बनकर उभर रहे हैं. एमआई 17 से लटकी बेबी बास्केट को भी वायु सेना को संभालकर उड़ाना पड़ रहा है. ये बेबी बास्केट हेलीकॉप्टर से 20 मीटर लंबी तारों से लटकी हुई रहती है।
जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान के प्रयासों से जनपद के जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए लगातार दूसरे दिन भी एयर फोर्स की मदद ली गई।
मंगलवार दोपहर बाद एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर ने श्रीनगर के समीप कोटेश्वर हेलीपेड से उड़ान भरकर अलकनंदा नदी से पानी लेकर वनाग्नि प्रभावित इलाकों में पानी गिराया गया।
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जो क्षेत्र आग से ज्यादा प्रभावित हैं, वहां हेलीकॉप्टर की मदद से आग बुझाई जा रही है। हेलीकॉप्टर ने अलकनंदा नदी से बांबी बैकेट में पानी भरकर आदवानी के जंगलों और आस–पास के प्रभावित क्षेत्र में आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है। दूसरे दिन हेलीकॉप्टर ने अब तक 5 राउंड लगाकर वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों में पानी का छिड़काव किया।
डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि हेलीकॉप्टर से आग बुझाने का अभियान जारी रहेगा।
इस मौके पर संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, एसडीएम श्रीनगर नूपुर वर्मा, फायर ब्रिगेड, आपदा प्रबंधन, पुलिस विभाग, वन विभाग तथा अन्य संबंधित विभागों के कार्मिक मौजूद थे।
रिपोर्ट -भगवान सिंह