चारधाम यात्रा शुरू होने के साथ ही उत्तराखंड प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। यात्रा को लेकर व्यवस्थाएं धराशाई होने लगी है और इसी वजय से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यात्रा को पटरी पर वापस लाने के लिए स्वयं कमान संभालने को लेकर मैदान में उतर चुके हैं ।
वहीँ चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन और पुलिस के अधिकारियों को ग्राउंड जीरो पर यात्रा की व्यवस्थाएं देखने के लिए निर्देश दिए | वहीँ सीएम धामी ने पुलिस महानिदेशक को यातायात व भीड़ प्रबंधन के लिए निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं |
लगातार धामों में बढ़ रही भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन और पुलिस दोनों के हाथों फूलने रहे हैं, ऐसे में कोई बड़ी अप्रिय घटना न घट जाए, जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को स्वयं कमान संभालती पड़ी है। जबकि यात्रा शुरू होने के बाद से ही न तो पर्यटन मंत्री कहीं नजर आए और न ही पर्यटन सचिव दिखाई दिए हैं |
ऑफलाइन पंजीकरण 19 मई तक बंद
सीएम धामी ने यात्रा को सुव्यवस्थित करने को लेकर अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं और अधिकारियों को फटकार लगाते हुए ग्राउंड जीरो पर जाने के निर्देश दिए हैं । इस दौरान अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने खा कि जिसकी जो ड्यूटी है और जो जिम्मेदारी दी गई है वह जिम्मेदारी अच्छी तरीके से निभाएं, क्योंकि लापरवाही बरतने पर उनके खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही कुछ और कठोर कदम मुख्यमंत्री की तरफ से उठाए गए है।
चारधाम यात्रा में भीड़ ज्यादा होने पर ऑफलाइन पंजीकरण 19 मई तक बंद कर दिए गए है। जिसमे आगामी दिनों में पंजीकरण किए गए यात्रियों को अपने तय समय पर ही यात्रा करने के लिए कहा गया है | साथ ही कहा कि यदि श्रद्धालु पंजीकरण से पहले आ रहे है तो उन्हें बिना दर्शन के वापस भेज दिया जाएगा।
साथ ही धामों में 50 मीटर की परिधि पर कोई भी श्रद्धालु मोबाइल फोन का इस्तेमाल या सोशल मीडिया पर रील नही बना पाएगा। सभी श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण जरूरी होगा।