बच्चो की जान की प्रवाह है, गुरुओं की नही

बच्चो की जान की प्रवाह है, गुरुओं की नही

भारी बारिश के चलते विद्यालय से लौटते समय पौड़ी -बनेख थनूल मोटर मार्ग पर ग्राम बुटली के समीप रा0इ 0 का0 दिउसी की शिक्षक शिक्षिकाओं की स्टाफ गाड़ी बड़ी अनहोनी होने से बची |

गनीमत रही की इन दिनों पीएमजीएसवाई द्वारा सड़क निर्माण कार्य गतिमान जिस कारण सड़क की चौड़ाई कम से कम 7 -8 मीटर है। जिस कारण बड़े बड़े बोल्डर्स की चपेट में आने से सभी शिक्षक शिक्षिकाए बाल बाल बच्चे |

यदि छात्र छात्राओं की सुरक्षा की बात करे तो राइका विद्यालय दिउसी गांव में ही छात्र छात्राएं पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन सरकार के आदेशों का पालन करना जरूरी हैं।

शिक्षक शिक्षिकाए भी किसी बच्चे के माता पिता है, उनकी जान की कोई कीमत नहीं हैं। सभी शिक्षक थानेश्वर् महादेव के भक्त है। उसकी कृपा हमेशा बनी रहती है।

एक दशक पहले भी राइका दिउसी के छात्र छात्राओं से भरी मैक्स वाहन बुटली के पास रात को खाई में जाने से बच गई | गनीमत रही की चट्टान पर एक मात्र छोटा नया चीड़ का पेड़ हनुमान बनकर आया और सभी बच्चो को बच्चा दिया कुछ साल तक बच्चो के अभिभावक पेड़ की पूजा करते रहे। लेकिन अब घटना को भूल गए।

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