जहा भारी बारिश के बीच गौहरीमाफी से सटे राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग की टीम का ग्रामीणों ने विरोध किया।
ग्रामीणों का कहना था कि जिसे अतिक्रमण बताया जा रहा है वह जंगली जानवरों की रोकथाम के लिए की गयी अस्थायी घेरबाड़ है, लेकिन वन कर्मियों ने ग्रामीणों की बात नहीं सुनी और तारबाड़ समेत कुछ कच्चे निर्माण को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया।
वन विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई का विरोध करने के लिए महिलाएं जेसीबी के आगे खड़ी हो गयी। जिनको वन कर्मियों ने बलपूर्वक हटाया। ग्राम प्रधान रोहित नौटियाल व वन अधिकारियो के बीच भी तीखी बहस हुई ग्राम प्रधान का कहना था कि ग्रामीणों को सूचना दिए बगैर कार्रवाई की गई।
जबकि वन विभाग जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा। जंगली जानवर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। इनसे जान-माल का भी खतरा बना है।
जानवरों की रोकथाम के लिए ग्रामीणों ने जंगल के किनारे तारबाड़ व कच्चे निर्माण किये हैं। अब वन विभाग इनको भी उजाड़ने पहुंच गया। फसल के नुकसान का मुआवजा भी नहीं मिलता। इसकी प्रक्रिया बेहद जटिल है।
राजाजी पार्क के अधिकारी गांव के विकास कार्यों में अड़चन डालते हैं। बाढ़ सुरक्षा व सत्यनारायण मोटर निर्माण में सहयोग नहीं किया जा रहा है।
महेश सेमवाल, रेंज अधिकारी मोतीचूर ने कहा कि
गौहरीमाफी के पास वन क्षेत्र में कच्चे निर्माण व तारबाड़ की गयी थी, जिनको हटाया गया है। कुछ भूसा स्टोर व दूसरे तरह के निर्माण भी हैं जिनको हटाने के लिए सम्बन्धित व्यक्ति को कहा गया है। यदि न हटाया तो उनको बलपूर्वक तोड़ दिया जाएगा।