Dengue Fever : पिछले पांच वर्षों में मिजोरम में डेंगू से सात लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में 4,209 लोग इस बीमारी का शिकार हुए हैं। इस साल अप्रैल के महीने में 132 डेंगू के कैसे पाए गए |
राष्ट्रीय डेंगू दिवस: समुदाय की भूमिका पर जोर
अइजवाल में राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें थीम थी “समुदाय से जुड़ें, डेंगू को नियंत्रित करें।” इस कार्यक्रम में मिजोरम में डेंगू की स्थिति पर चर्चा की गई। मिजोरम उन राज्यों में शामिल है, जहां डेंगू का प्रभाव कम है। दिल्ली में 2022 में डेंगू के 10,183 मामले सामने आए थे और 9 लोगों की मौत हुई थी। इसके मुकाबले, मिजोरम में 2019 से अब तक केवल सात मौतें हुई हैं, जो कि सराहनीय है।
2022 में पांच मौतें
वेक्टर जनित बीमारी नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 2019 से जिन सात लोगों की मौत डेंगू से हुई है, वह सभी अइजवाल जिले के थे। इनमें से पांच मौतें 2022 में हुईं, जबकि 2023 में दो मरीजों ने दम तोड़ा। 2023 में सबसे ज्यादा 2,060 लोग संक्रमित हुए थे। कुल 12,949 सैंपल लिए गए थे।
2019 में कम था संक्रमण का आंकड़ा
2022 की तुलना में 2019 में डेंगू के मरीजों की संख्या बेहद कम थी। कुल 858 सैंपल में 131 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। कोविड19 महामारी के दौरान 2020 में 67 और 2021 में 83 मामले सामने आए थे। यह माना जा सकता है कि कोविड महामारी और उससे पहले स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी के चलते डेंगू की जांच का दायरा सीमित था और कम ही लोगों ने इसकी जांच कराई।
मिजोरम में डेंगू की स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए समुदाय की सक्रिय भागीदारी और सतर्कता आवश्यक है। जागरूकता और समय पर जांच से डेंगू के मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है।