जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए कार्यदायी संस्थाओं की लेट-लतीफी पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने पेयजल योजना का निर्माण कार्य, जियो टैग और हर घर जल प्रमाण पत्र लेने का कार्य पूर्ण न करने वाले पेयजल निगम और जल संस्थान की डिवीजनों का लक्ष्य तय करते जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी डॉ. चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी सभागार में जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को जल जीवन मिशन के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिये। विभागवार मिशन कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने अधूरे कामों और लक्ष्य के अनुसार न करने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने की हिदायत दी।
उन्होंने परियोजना निदेशक डीआरडीए विवेक उपाध्याय को निर्देश दिए कि जो डिवीजन लक्ष्य पूर्ति नहीं कर रहे हैं, उनके कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जांच कराई जाए। जांच में यह देखा जाए कि डिवीजन क्यों समय पर कार्य पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं, इसकी रिपोर्ट उनको प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने बीरोंखाल में स्वीकृत कांडा तल्ला पेयजल योजना का विवाद सुलझाने के लिए संबंधित क्षेत्र के उप जिलाधिकारी की मदद लेने के निर्देश दिए। बताया गया कि पेयजल निगम श्रीनगर के अधीन तीन और पेयजल निगम कोटद्वार प्रथम व द्वितीय डिवीजन के अधीन एक-एक पेयजल योजना के प्रकरण वन भूमि हस्तातंरण स्तर पर लंबित हैं।
इस पर जिलाधिकारी ने वन विभाग के साथ इस संबंध में पत्राचार करने की बात कही। इस मौके पर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके रॉय, परियोजना प्रबंधक स्वजल दीपक रावत और अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।
राजेन्द्र शिवाली पत्रकार, पौड़ी