लालकुआँ बरसाती मौसम का फायदा उठाकर जंगलों से लकड़ी काटकर ले जा रहे वन तस्करों के खिलाफ टाण्डा रेंज की वन विभाग टीम ने बड़ी कार्यवाही की है। वन विभाग की टीम ने अलग अलग जगहों से खैर, सागौन से लदे तीन वाहनों को पकड़ा है जिसे वन तस्करों द्वारा अवैध रूप से ले जाया जा रहा था।
इस दौरान वन विभाग ने एक तस्करों को भी गिरफ्तार किया है जिसे जेल भेज दिया है। इस कार्यवाही से वन तस्करों में हडकंप मचा हुआ है। इधर वन विभाग ने पकड़े गए तीनों वाहनों को सीज कर फरार वन तस्करों के खिलाफ वन अपराध के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
बताते चले कि तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन के जंगलों से वन विभाग की लाख कोशिशों के बावजूद लकड़ी तस्करी रूकने का नाम नही ले रहीं हैं। वन विभाग लकड़ी तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार कार्यवाही करने में जूटा हुआ है। फिर भी वन तस्कर जंगलों से लकड़ी काटकर ले जा रहे हैं।
सूत्रों की माने तो इस खेल में जंगलों में रहने वाले वन गुर्जर और वन विभाग के कुछ कर्मचारी शामिल बताये जा रहे हैं जो जंगलों को साफ करने में लगे हैं।
इसी कड़ी में बीते एक सप्ताह के भीतर तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन की टाण्डा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने वन तस्करों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए खैर, सागौन से लदे तीन वाहनों को पकड़ा है। साथ ही एक तस्कर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है जिसके खिलाफ वन विभाग ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।
इधर वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम ने बताया कि बरसात के मौसम में अधिकतर वन तस्कर सक्रिय हो जाते हैं और बरसात का फायदा उठाकर जंगल में घुसकर लकड़ी तस्करी की घटना को अंजाम देते हैं जिनकी धरपकड़ के लिए वन विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में बीते एक सप्ताह के भीतर उनके नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने पन्तनगर, केलाखेड़ा क्षेत्र से सागौन के गिल्टों से भरे दो पिकअप वाहन तथा खैर की लकड़ी से लदी एक सेन्ट्रो कार को पकड़ा है। पकडी गई लकड़ी की किमत लगभग दस लाख रुपये बताई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही दौरान वन विभाग ने एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया है जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि फरार तस्करों की धरपकड़ जारी है जिन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लकड़ी तस्करी में कुछ स्थानीय गुर्जरों और कर्मचारियों के मिले होने की सूचना मिली है जिसकी जांच चल रही है उन्होंने कहा कि जांच में अगर कोई भी कर्मचारी या वन गुर्जर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल उनके द्वारा फरार तस्करों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
मुकेश कुमार लालकुआँ/ हल्द्वानी