प्रदेश की सरकार ने उत्तराखंड के जंगलों में आग की लगातार बढ़ रही घटानाओं को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है और इस समस्या का समाधान के लिए कडे कदम उठाने का फैसला किया है। आग की बढ़ रही घटानाओं का संज्ञान लेते हुए, सोमवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रेसवार्ता की और बड़े संख्या में जंगल में आग लगाने वालों के खिलाफ कठोर कदमों की घोषणा की।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव ने की अधिकारियों के साथ बैठक
वनाग्नि की बढ़ रही घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिये गए, जिस पर उनके द्वारा अधिकारियों के साथ बैठक की गई । मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा जो निर्देश दिए गए थे उन्हें अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। पराली जलने पर रोक को लेकर जो निर्देश मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए थे, उसके आधार पर सभी जिलाधिकारियों द्वारा जिलों में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
एनडीआरएफ की ली जा रही मदद
वनाग्नि की घटनाओं को देखते हुए आपदा मद से सभी जिलों को बजट जारी कर दिया गया है |जिसके बाद अब छोटे वॉटर टैंकर खरीद कर पहाड़ी क्षेत्रों में पंप के जरिए आग बुझाने का काम भी किया जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना है कि वनाग्नि की घटनाओं से अब तक पांच लोगों की मौत हुई है | जिसमें पौड़ी और अल्मोड़ा जिले में सबसे ज्यादा हालात खराब है, जिसको देखते हुए एनडीआरएफ की मदद भी आग बुझाने को लेकर ली जा रही है।
आग लगाने वालो के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत होगा मुकदमा
डीजीपी अभिनव कुमार का कहना है कि पुलिस के द्वारा वनों में आग लगाने वाले ऐसे लोगों पर सख्त नजर रखी जा रही है तथा ग्राम प्रहरियों व स्थानीय सूचना की जानकारी एकत्रित की जा रही है | जो लोग वनाग्नि की घटनाओं में लिप्त है पाए जाएंगे, उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा और उनकी संपत्ति की भी कुर्की की जाएगी।