सिविल पुलिस व्यवस्था को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट की सुनवाई के समय उत्तराखंड सरकार की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि कई राजस्व क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था सरकार द्वारा की जा चुकी है, बाकी बचे प्रदेश के छुट चुके राजस्व क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस व्यवस्था लागू किये जाने को लेकर कागजी कार्यवाही की प्रकिया जारी है।
आपको बतादें कि 2018 में हाई कोर्ट द्वारा उत्तराखंड सरकार को पूरे प्रदेश में राजस्व पुलिस व्यवस्था को लागू किये जाने को लेकर दिशा निर्देश दिए थे | कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर सरकार द्वारा पूरी तरह कार्यवाही नहीं की गई । जिसे लेकर कोर्ट में याचिका ने पूर्व के आदेश का अनुपालन करवाया जाने का अनुरोध किया गया है |
उत्तराखंड में राजस्व क्षेत्र में राजस्व पुलिस की व्यवस्था समाप्त किये जाने को लेकर हाई कोर्ट याचिका दायर की गई थी, याचिका निस्तारण को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश करते हुए राज्य सरकार को सिविल पुलिस व्यवस्था एक साल के भीतर पूरे उत्तराखंड में लागू किये जाने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को लेकर निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भी की आवश्यकता महसूस
हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने राजस्व पुलिस के कई क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था कर दी है तथा बाकी बचे हुए क्षेत्रों में जल्द से जल्द रेगुलर पुलिस की व्यवस्था लागू किये जाने की प्रकिया जारी है।
इस केस में नवीन चंद्र बनाम राज्य सरकार से संबंधित मामले में 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने भी राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त किये जाने की आवश्यकता को महसूस किया था । जिसमें कहा गया था कि राजस्व क्षेत्र पुलिस को रेगुलर पुलिस की तरह ट्रेंनिंग नहीं दी जाती है तथा राजस्व पुलिस के पास आधुनिक साधन की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। जिस कारण इन सुविधाओं के न रहने से अपराधों की विवेचना सही रूप से नहीं तो पाती है और परेशानियां होती हैं।