रीता देवी निवासी ढालवाला ने जिलाधिकारी देहरादून को पत्र लिखकर अपने पति रणवीर सिंह रावत की मृत्यु की निष्पक्ष जांच की मांग की है। रीता देवी ने पत्र में बताया कि 22 जून 2024 को उनके पति को ऋषिकेश कोतवाली के दो सिपाही ने बिना वर्दी के घर से जबरदस्ती ले गये और उसके बाद उनके पति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
रीता देवी और उनका बेटा जब ऋषिकेश कोतवाली गए, तो उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। अगले दिन विभिन्न पुलिस चौकियों पर पूछताछ के बाद, आखिरकार उन्हें ऋषिकेश कोतवाली में उनके पति से मुलाकात करने दी गई, जहां उन्हें बताया गया कि उनके पति को कोर्ट ले जाया जा रहा है। रीता देवी ने आरोप लगाया कि थाने में उनके पति के साथ मारपीट की गई थी और उनका चेहरा सूज गया था।
25 जून 2024 को, रीता देवी अपने पति से जिला कारागार में मिलने गईं, जहां उनके पति ने उन्हें बताया कि उन्हें काफी दर्द हो रहा है और नींद की गोलियां दी जा रही हैं। उसी शाम लगभग 5:30 बजे रीता देवी को फोन पर सूचना मिली कि उनके पति की मृत्यु हो चुकी है।
रीता देवी ने जिलाधिकारी से निवेदन किया है कि उनके पति की मृत्यु के दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की जाए। उन्होंने बताया कि वह गरीब परिवार की महिला हैं और उनके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनका भरण-पोषण उनके पति बस कंडक्टर की नौकरी करके करते थे। रीता देवी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि उनके परिवार को न्याय मिल सके।
वहीँ इस घटना का संज्ञान लेते हुये धीरेंद्र प्रताप वरिष्ठ उपाध्यक्ष उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री ने ऋषिकेश कोतवाली पुलिस के बर्बरता पूर्ण व्यवहार की निस्पक्ष जांच कर घटना में संलिप्त पुलिस कर्मियो पर ह्त्या का मुकदमा दर्ज किये जाने और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा और अनुरोध किया कि घटना की न्यायिक जांच कराई जाए जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।