MP Liver Transplant : मध्य प्रदेश में एक नाबालिग बेटी ने अपने बीमार पिता को लिवर डोनेट करने की इजाजत पाकर एक मिसाल कायम की है। यह अनुमति मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दी है, जो न केवल परिवार के लिए बल्कि चिकित्सा क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण निर्णय है।
अदालत का निर्णय
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नाबालिग बेटी को अपने पिता को लिवर डोनेट करने की अनुमति प्रदान की है। अदालत ने इस सर्जरी को जल्द से जल्द और पूरी सावधानी के साथ करने का निर्देश दिया है।
चिकित्सा अनुमति
इससे पहले, एमजीएम मेडिकल कॉलेज और प्रदेश सरकार ने भी नाबालिग को लिवर डोनेट करने की अनुमति दी थी। कोर्ट में राज्य शासन की रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने नाबालिग के लिवर देने की याचिका के पक्ष में फैसला सुनाया।
परिवार की उम्मीदें
बेटी के इस साहसिक कदम से परिवार में खुशी और राहत की लहर दौड़ गई है। नाबालिग बेटी का अपने पिता के जीवन को बचाने का प्रयास सराहनीय है और यह अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
सर्जरी की प्रक्रिया
कोर्ट के निर्देशानुसार, यह सर्जरी जल्द से जल्द और पूरी सावधानी के साथ की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सर्जरी सफलतापूर्वक हो और दोनों की स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखा जाए, सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
यह मामला न केवल एक परिवार की संघर्ष की कहानी है बल्कि यह दिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी नाबालिग बच्चों की क्षमता और उनके साहस को कैसे पहचानना चाहिए। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है जो निस्वार्थ सेवा और परिवार के प्रति कर्तव्य की भावना को उजागर करता है।