वरुण गांधी ने अपने नाम के लिए नॉमिनेशन के लिए चार सीटों में पर्चा भी खरीद लिया था। दूसरी ओर, जितिन प्रसाद ने प्रचार अभियान की शुरुआत की, जबकि वरुण गांधी मैदान में नहीं आए लेकिन चुप्पी का अंदाजा लगाया। वरुण गांधी पीलीभीत के बारे में सोशल मीडिया पर अब तक सक्रिय रहे हैं, लेकिन 28 मार्च के बाद से उन्होंने अपने प्रीवियस हैंडल से कोई पोस्ट नहीं की है।
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट को लेकर हलचल बढ़ी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पीलीभीत से वरुण गांधी को टिकट देने की बजाय यूपी सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है। इससे वरुण गांधी के बारे में कई चर्चाएं हो रही हैं। आगामी मतदान के नजदीक होने के साथ ही चुनाव प्रचार भी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन वरुण गांधी सियासी स्क्रीन से कुछ दूर नजर आ रहे हैं। पीलीभीत में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियां हैं, जिससे वहां की राजनीतिक स्थिति में रुचि बढ़ी है।
सियासी गलियारों में बात हो रही है कि क्या वरुण गांधी आज बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे प्रधानमंत्री मोदी की रैली में शामिल होंगे, और मंच पर उन्हें भी बोलते हुए देखा जाएगा? यह सभी सवाल उठ रहे हैं। वास्तव में, वरुण गांधी को बीजेपी ने जितिन प्रसाद के उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद टिकट काटने के बाद, यह अफवाहें फैल गईं थीं कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं।