यमकेश्वर- राजभवन, उत्तराखंड द्वारा ‘एक विश्वविद्यालय एक शोध योजना’ के अंतर्गत उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांगजन एवं वंचित वर्ग की शिक्षा के प्रति जागरूकता विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिथ्याणी, यमकेश्वर में किया गया। इस कार्यशाला में यमकेश्वर ब्लॉक की कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
कार्यशाला के संयोजक एवं उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के विशेष शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम समन्वयक व सहायक प्राध्यापक डॉ. सिद्धार्थ पोखरियाल ने चित्रों की शिक्षा के बारे में हो रहे शोध कार्य पर विस्तार से जानकारी दी। वहीं, सहायक प्राध्यापक श्री तरूण नेगी ने दूरस्थ शिक्षा के महत्व और उसके लाभों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कोई भी अभ्यर्थी अपने नजदीकी राजकीय महाविद्यालय में प्रवेश लेकर अपनी उच्च शिक्षा पूरी कर सकता है। इसके लिए परीक्षा केंद्र का चुनाव भी अपनी सुविधा के अनुसार किया जा सकता है। ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा को अधिक सुलभ और लचीला बनाने के लिए भी कार्यशाला में जानकारी दी गई।
समापन सत्र में महाविद्यालय बिथ्याणी के प्राचार्य प्रो. योगेश शर्मा ने मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांगजनों और वंचित वर्ग की शिक्षा के प्रति किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों, विशेषकर बालिकाओं, को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करें ताकि समाज के वंचित और शोषित वर्ग को भी इसका लाभ मिल सके।
कार्यशाला में प्रतिभागी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष देवी और सुनीता देवी ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे बहुत लाभकारी बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय से अनुरोध किया कि ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन समय-समय पर किया जाए ताकि दिव्यांगों और वंचित वर्ग की शिक्षा में सुधार हो सके।
इस अवसर पर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. राम सामंत, डॉ. नीरज नौटियाल समेत समस्त शैक्षिक स्टाफ और यमकेश्वर ब्लॉक के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता उपस्थित रहीं।
Uttam Singh Rishikesh