गरीब, मध्यमवर्गीय व सिफारिश विहीन परिवार विद्युत बिलों में पार्ट पेमेंट की व्यवस्था से पिस रहे | जबकि एसडीओ स्तर के आधिकारी को पार्ट पेमेंट की व्यवस्था का कोई अधिकार नहीं | सिर्फ अधिशासी अभियंता को 25000 तक का अधिकार है |
देहरादून में जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की पीड़ा को समझते हुए बकाया विद्युत बिलों में पार्ट पेमेंट की व्यवस्था मजबूती से लागू कराने एवं अधिकार क्षेत्र सीमा बढ़ाने को लेकर सचिव, ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा | जिसपर सुंदरम ने कार्यवाही का भरोसा दिलाया |
2017 में पार्ट पेमेंट की व्यवस्था की गई थी जारी
नेगी ने कहा कि वर्ष 2017 में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने बकाया विद्युत बिलों में पार्ट पेमेंट की व्यवस्था को लेकर व्यवस्था जारी की, जिसमें एसडीओ स्तर के अधिकारी को कोई अधिकार नहीं दिया गया | जबकि अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी को ₹25,000 तक की बकाया राशि तीन सामान मासिक किस्तों में वसूलने हेतु अधिकृत किया गया था |
इसी प्रकार अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी को ₹2,00,000 तक का अधिकार दिया गया एवं अन्य अधिकारियों वह इससे अधिक की राशि हेतु अधिकृत किया गया, लेकिन हालिया मामले में सरकार द्वारा तेजी से राजस्व वसूलने हेतु इनके अधिकार लगभग फ्रीज किए गए हैं, जिसके चलते उपभोक्ताओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है |
गरीबों पर की जाती है जबरन कार्यवाही – नेगी
नेगी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक साधन संपन्न परिवार एवं बड़े विद्युत बकायदार अपने रसूख का फायदा उठाकर इसका लाभ ले लेते हैं तथा वहीं दूसरी ओर 8-10 हजार का विद्युत बकायदार अपना विद्युत कनेक्शन कटवा बैठता है |
इसी क्रम में सरकारी महकमें के लाखों रुपए के बकाया बिल होने के बावजूद कनेक्शन नहीं काटे जाते, मार सिर्फ गरीब पर ही पड़ती है |
नेगी ने एसडीओ स्तर के अधिकारी की अधिकार सीमा शून्य के स्थान पर रू 25000 एवं अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी की ₹25000 से बढ़ाकर ₹50000 करने की मांग रखी | प्रतिनिधि मंडल में -अशोक गर्ग मौजूद थे |