PM MODI : ने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए देशवासियों को महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत हमारे देश के मतदाता हैं, जिन्होंने इस बार भी रिकॉर्ड संख्या में मतदान करके विश्व के सबसे बड़े चुनाव को सफल बनाया है।
25 जून का काला धब्बा: लोकतंत्र पर आपातकाल की छाया
PM MODI ने आपातकाल की घटना को याद करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि 25 जून 1975 को भारत के लोकतंत्र पर एक काला धब्बा लगा था। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को यह याद रखना चाहिए कि उस समय भारत के संविधान को नकार दिया गया था और देश को एक जेलखाने में तब्दील कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि देशवासी संकल्प लें कि भारत में दोबारा ऐसा कोई भी कदम नहीं उठा सके।
2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की बात की और कहा कि नई लोकसभा के गठन के साथ यह हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि यह संसद भारत के आम नागरिकों के सपनों को पूरा करने का माध्यम बनेगी।
Importance Of Consensus( सर्वसम्मति की महत्ता)
PM MODI ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने हमेशा सर्वसम्मति से काम करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि देश चलाने के लिए सर्वसम्मति सबसे महत्वपूर्ण है और हम संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए सभी को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं।
विपक्ष से अपेक्षाएं
प्रधानमंत्री ने विपक्ष को संदेश दिया कि देश को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है जो सार्थक चर्चा और परिश्रम के साथ लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखे। उन्होंने कहा कि देशवासी अब नारेबाजी नहीं, बल्कि सार्थकता चाहते हैं और उम्मीद है कि विपक्ष इस भूमिका को निभाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन लोकतंत्र की महत्ता, विकास के संकल्प, और एकता के संदेश को प्रकट करता है। यह सभी भारतीयों के लिए एक प्रेरणा है कि वे अपने देश को एक विकसित और मजबूत लोकतंत्र बनाने के लिए मिलकर काम करें।
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