प्रदेश में इन दिनों छात्रसंघ चुनावों को लेकर मुद्दा गर्माया हुआ है पूरे प्रदेश में चुनावों को लेकर छात्र एकजुट हो गए हैं आए दिन छात्रनेताओं का प्रदर्शन जारी है। कभी कॉलेज की छत पर चढ़कर तो कभी पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने जैसी खबरें रोजाना देखने को मिल रहीं हैं पर प्रदेश सरकार ने अपनी मंशा अभी तक जाहिर नहीं की है।
जिससे छात्रों का पारा चढ़ा हुआ है इससे पहले निकाय चुनाव को लेकर भी सरकार टालमटोल करती आ रही है। शासन की ओर से पूर्व में हाईकोर्ट में शपथपत्र दिया गया था कि 25 दिसंबर तक चुनाव करा लिए जाएंगे। इसके लिए अधिसूचना 10 नवंबर तक जारी होने की बात कही गई थी।
इसके बाद राज्य में नौ नगर निगम सहित 102 नगर निकायों में चुनाव के दृष्टिगत तेजी से कसरत की गई। निकायों में परिसीमन, वार्ड परिसीमन पूरा हो चुका है, जबकि 99 निकायों की पुनरीक्षित मतदाता सूची तैयार हो गई है। केवल तीन नगर पंचायतों में यह कार्य आठ नवंबर को पूरा होना है इस बीच विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव का कार्यक्रम भी घोषित हो गया। साथ ही छह से 12 नवंबर तक राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम भी राज्यभर में होने हैं।
हालांकि निकाय चुनाव के दृष्टिगत निकायों में अभी पदों के आरक्षण का निर्धारण होना है। यह कार्य पूर्ण होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को सूचना भेजी जाएगी और फिर आयोग चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी करेगा अब ऐसे हालातों में आरक्षण निर्धारण व निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने में अभी केदारनाथ उपचुनाव की आचार संहिता का पेच फंस सकता है।
केदारनाथ सीट के उपचुनाव की आचार संहिता 25 नवंबर को समाप्त होनी है। इसी के दृष्टिगत अब निर्वाचन आयोग से इस सिलसिले में स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया जा रहा है। यदि आयोग से इन दोनों कार्यों के लिए अनुमति नहीं मिली तो चुनाव 25 नवंबर के बाद होंगे।
आरक्षण का निर्धारण होने पर आपत्तियां व दावे प्राप्त करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय दिया जाता है। दो से तीन दिन इनके निस्तारण और अंतिम अधिसूचना जारी करने में लगेंगे। फिर राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण की विधिवत सूचना भेजी जाएगी। तत्पश्चात ही आयोग निकाय चुनाव का कार्यक्रम जारी करेगा। ऐसे में निकाय चुनाव 25 दिसंबर से आगे जा सकते हैं।
इधर कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने क्या में इसको लेकर आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो गए है कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने क्या कहा आप भी उन्हीं की जुबानी सुनिए।
रिपोर्टर, मुकेश कुमार, हल्द्वानी