School buses and taxis are flouting standards Negligence of transport department
खबर उत्तरकाशी से है जहां पर पर परिवहन विभाग उत्तरकाशी व जिला प्रशासन उत्तरकाशी की लापरवाही से जिला मुख्यालय में ही विभिन्न स्कूलों में संचालित प्राइवेट कम्पनी की बसें व टैक्सियां सुरक्षा मानकों की धज्जियां उडा रहे हैं।
गौरतलब है कि स्कूल में संचालित वाहनों के एमवी एक्ट के तहत सुरक्षा की दृष्टि से अलग मानक होते हैं तथा मानकों के अनुरूप ही वाहनों का संचालन स्कूलों में किया जा सकता है लेकिन यहां पर देखा जाय तो सुरक्षा मानकों का दूर तक न तो परिवहन विभाग को, न प्रशासन को तथा ना ही स्कूलों को लेना देना है और वाहन संचालकों को तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि यहां कोई पूछने वाला है ही नही।
मनमोहन भट्ट, उत्तरकाशी।
वहीं अगर बात प्राइवेट कंपनी की बसों की करें तो प्राइवेट कंपनियों का संयुक्त रोटेशन भी धज्जियां उड़ानें में चार चांद लगा रहा है संयुक्त रोटेशन से विभिन्न स्कूलों में संचालित बसें जहां सुरक्षा मानकों की धज्जियां उडा रही है तो वहीं मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 72 के तहत जारी किए गए स्टेज कैरिज परमिट से आच्छादित यह बसें परमिट शर्तों का उलंघन कर धड़ल्ले से स्कूलों में अवैध संचालित हो रही है।
यहां तक कि विगत कई वर्षों से स्टेज कैरिज परिमिट से संचालित बसों का प्रयोग धड़ल्ले से शादियों व अन्य पार्टियों में भी हो रहा है और परिवहन विभाग सब कुछ देखते हुए मूक दर्शक बना हुआ है। इस तरह से अवैध रूप में संचालित वाहनों के खिलाफ परिवहन व्यवसायियों के द्वारा परिवहन विभाग उत्तरकाशी व पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी को प्रार्थना पत्र भी दिया गया। लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एक दिन का चेकिंग अभियान चलाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
परिवहन विभाग के द्वारा डग्गामारी में संचालित वाहनों पर लगातार कार्रवाई न करने पर अपने आप में बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या इस तरह का अवैध संचालन परिवहन विभाग की मिलीभगत से हो रहा है।
आपको बता दें कि स्टेज़ कैरिज परिमिट से संचालित बसों को कॉटेक्ट में संचालित करने के लिए परिवहन कार्यालय से अस्थाई परिमिट लेना होता है जिसके लिए परिवहन कार्यालय में अतिरिक्त शुल्क जमा करना होता है उसके बाद ही ऐसी बसों को अस्थाई परिमिट की वैधता तक शादियों व अन्य पार्टियों में संचालित किया जा सकता है।
लेकिन स्टेज़ कैरिज बसों के द्वारा टैक्स व परिमिट शुल्क की बेखौफ होकर चोरी की जा रही है और स्टेज कैरिज बसों को धड़ल्ले से कॉन्टेक्ट में संचालित कर रहे हैं। जिससे कि राजस्व नुकसान के साथ-साथ यह बसें कॉन्टेक्ट परिमिट से संचालित बसों को भी नुकसान पहुंचा रही है। जबकि कॉन्टेक्ट परिमिट की बसें स्टेज़ कैरिज परिमिट से संचालित बसों से दोगुना से ज्यादा परिवहन टैक्स देती है।