सरकारों की अति महत्वपूर्ण एवं जनहितेषी योजनाओं पर आ रही शिकायतें तो यही बयां कर रही हैं कि निचले स्तर पर सरकार की योजनाओं को किस तरह धरातल पर उतारा जा रहा है इसकी बानगी पर नजर डालते हैं।
खबर जनपद के अति दूरस्थ क्षेत्र देवाल ब्लाक का है जहां ग्राम पंचायत कोटेडा के ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल ने करीब डेढ़ सौ कीलोमीटर दूर जिला मुख्यालय गोपेश्वर पहुंचकर जिलाधिकारी के समक्ष अपना दुखड़ा सुनाया।
कोटेडा के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को अपने दुखड़ों का ज्ञापन देते हुए कहा कि उनके गांव के लिए सन् 2017 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत लगभग साढ़े तीन कीलोमीटर मोटर मार्ग स्वीकृत हुई थी जो आज तक नहीं बन सकी है और साथ ही यह भी कहा गया है कि उनके गांव के लिए स्वीकृत सड़क को हर स्तर पर मिलीभगत कर उनके गांव न पहुंचा कर अन्यत्र पहुंचाई जा रही है जिसका वे लोग पिछले छः सालों से लगातार विरोध कर रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
ग्रामीणों ने कहा है कि वे अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव से हैं और उनको जबरन दबाया जा रहा है तथा उनकी स्वीकृत सड़क मार्ग को उनसे छीना जा रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से उनके साथ फर्जी प्रस्ताव और मुहर बना कर सड़क को उनसे छीने जाने के आरोप लगाए। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि सभी बातों की उच्च स्तरीय जांच की जाए और जबतक उनके गांव के लिए सड़क मार्ग का कार्य शुरू नहीं किया जाता है तब-तब उक्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य रोक दिया जाए।
ग्रामीणों ने बताया कि बार बार आंदोलन करने पर उपजिलाधिकारी के अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी जिसमें भी यह सहमति बनी है कि जबतक उनके गांव के लिए सड़क मार्ग पर कार्य शुरू नहीं होता है तब-तब विवादित सड़क मार्ग पर कार्य रोका जायेगा लेकिन उन्होंने बताया कि फिर भी सड़क पर निमार्ण कार्य किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि जिलाधिकारी ने उनकी बात सुनते हुए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जांच कराने का आश्वासन दिया है।
सुभाष पिमोली थराली चमोली, उत्तराखंड