दो लोगों का रिश्वत लेने का मामला हैदराबाद से सामने आया है। तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के संयुक्त कलेक्टर सहित दो लोगों को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACBA) ने 8 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया ।
ACB के महानिदेशक (डीजी) सीवी आनंद ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि रंगा रेड्डी जिला कलेक्टरेट के संयुक्त कलेक्टर एमवी भूपाल रेड्डी तथा वरिष्ठ सहायक वाई मदन मोहन रेड्डी को रंगे हाथो पकड़ने के लिए जाल बिछाया तथा उन्हें फंसाया और गिरफ्तार किया | जो मिली भगत से अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग कर रहे थे ।
संयुक्त कलेक्टर और वरिष्ठ सहायक ने 8 लाख रुपये की मांग धरणी पोर्टल में निषिद्ध सूची से 14 गुंटा भूमि को हटाने के लिए शिकायतकर्ता से मांगे थे | जिसके बाद 8 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दोनों लोगों को रंगे हाथ पकड़ा गया ।
ACB DG ने कहा कि किसी को बिना बताए दोनों ने रिश्वत लेने में कई सावधानियां बरती, लेकिन एसीबी की टीमें एक कदम आगे रहीं और रातभर रणनीति बनाई गई और उन्हें फंसाया।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता के काम को पूरा करने के लिए मदन मोहन रेड्डी को 12 अगस्त की रात को संजीवनी वनम के पास गुर्रमगुडा एक्स रोड पर ACB अधिकारियों ने रंगे हाथों पकड़ा था, जब उन्होंने शिकायतकर्ता से रिश्वत के रूप में अपनी कार में आठ लाख की रिश्वत राशि स्वीकार की।
ACB ने विज्ञप्ति में कहा, धरणी वेबसाइट में 14 गुंटा भूमि को निषिद्ध सूची से हटाने के लिए दी गई रिश्वत की रकम मदन मोहन रेड्डी के पास से उनकी कार से बरामद की और पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि उसने संयुक्त कलेक्टर एमवी भूपाल रेड्डी के लिए रिश्वत की मांग की थी।
जब मदन मोहन रेड्डी ने भूपाल रेड्डी को अपने फोन पर कॉल किया और रिश्वत की रकम मिलने की जानकारी दी, तो संयुक्त कलेक्टर ने उन्हें पैसे सौंपने के लिए पेद्दाम्बरपेट ओआरआर आने का निर्देश दिया।
आपको बता दें कि धरणी एक एकीकृत भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली है। अधिनियम 9/2020 यानी तेलंगाना भूमि अधिकार और पट्टादार पासबुक अधिनियम 2020 के तहत तेलंगाना सरकार ने धरनी पोर्टल पेश किया है। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भूमि और म्यूटेशन का पंजीकरण और अधिकारों के रिकॉर्ड का रखरखाव करना है।