सिविल सेवक(Civil Servants): परिवर्तन और सुशासन के संरक्षक।
आईएएस 2022 बैच के सहायक सचिवों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़(Vice-President Shri Jagdeep Dhankhar) ने सिविल सेवकों(Civil Servants) द्वारा निष्पक्ष दृष्टिकोण बनाए रखने के सर्वोच्च महत्व पर जोर दिया। उपराष्ट्रपति(Vice-President) के आवास पर बोलते हुए श्री जगदीप धनखड़(Shri Jagdeep Dhankhar) ने इस बात पर जोर दिया कि सिविल सेवकों(Civil Servants) को राजनीतिक व्यवस्थाओं के साथ घुलने-मिलने से बचना चाहिए, तथा शासन में महत्वपूर्ण हितधारकों और परिवर्तन के एजेंट के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करना चाहिए।
राष्ट्रीय हितों और कानून के शासन को कायम रखना।
उपराष्ट्रपति(Vice-President) ने सिविल सेवकों(Civil Servants) की इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला कि वे हमेशा राष्ट्र के हितों को प्राथमिकता दें और कानून के शासन को बनाए रखें। उन्होंने अधिकारियों से राष्ट्रवादी और संघीय दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके कार्य और निर्णय देश के व्यापक हित के अनुरूप हों। उन्होंने नैतिक सिद्धांतों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “आपको हमेशा राष्ट्र के हित और कानून के शासन को अपने बैरोमीटर के रूप में रखना चाहिए।”
सिविल सेवकों(Civil Servants) की भूमिका: प्रेरणादायी नेता।
युवा सहायक सचिवों को संबोधित करते हुए, श्री जगदीप धनखड़(Shri Jagdeep Dhankhar) ने उन्हें प्रेरणा का स्रोत और देश भर के युवा दिमागों के लिए एक प्रेरक शक्ति बताया। उन्होंने परिवर्तन के वाहक और त्वरित विकास के लिए पथप्रदर्शक के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा, “आप गुणवत्तापूर्ण शासन में महत्वपूर्ण हितधारक हैं,” और उनसे अपनी सेवा में उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखने का आग्रह किया।
अधिक प्रतिनिधित्व वाली सिविल सेवा।
श्री जगदीप धनखड़(Shri Jagdeep Dhankhar) ने गर्व से कहा कि भारतीय सिविल सेवा अब पहले से कहीं अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण है, जो समाज के सभी वर्गों से प्रतिभाओं को आकर्षित करती है, जिसमें कमजोर, हाशिए पर पड़े और वंचित पृष्ठभूमि वाले लोग भी शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समावेशिता नौकरशाही को समृद्ध बनाती है और विविध सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की इसकी क्षमता को बढ़ाती है।
भारत का आर्थिक परिवर्तन और डिजिटल क्रांति।
भारत के उल्लेखनीय आर्थिक परिवर्तन पर विचार करते हुए, उपराष्ट्रपति(Vice-President) ने आशा और संभावनाओं के केंद्र तथा निवेश के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में देश की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश भर में फैली डिजिटल क्रांति की प्रशंसा करते हुए कहा, “हमारी उपलब्धियों ने दुनिया को चौंका दिया है। विश्व संस्थाएँ जो हमें सलाह देती थीं, अब दूसरे देशों को भारत के रास्ते पर चलने की सलाह दे रही हैं।”
निरंतर सीखना और कौशल विकास।
श्री जगदीप धनखड़(Shri Jagdeep Dhankhar) ने अधिकारियों से अपील की कि वे कभी भी सीखना बंद न करें और अपने कौशल को निरंतर अपडेट करते रहें। उन्होंने उन्हें बदलाव लाने के लिए उनके संवैधानिक जनादेश की याद दिलाई, तेजी से विकसित हो रही दुनिया में आगे रहने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आप लोगों को संविधान द्वारा विशेष रूप से बदलाव लाने के लिए नियुक्त किया गया है,” उन्होंने निरंतर व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की आवश्यकता को रेखांकित किया।
पारदर्शिता और जवाबदेही: एक नया युग।
उपराष्ट्रपति(Vice-President) ने उस बीते युग को याद किया जब देश के सत्ता के गलियारों में भ्रष्टाचार व्याप्त था, जो योग्यता के आधार पर अवसरों में बाधा डालता था। उन्होंने भ्रष्टाचार को खत्म करने में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सत्ता के गलियारों से भ्रष्टाचार को दूर कर दिया गया है, अब पारदर्शिता और जवाबदेही है।” उन्होंने कहा कि इस परिवर्तन ने निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शासन के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनाया है।
निष्कर्ष: नैतिक और राष्ट्रवादी सेवा का आह्वान।
अंत में, श्री जगदीप धनखड़ का आईएएस 2022 बैच के सहायक सचिवों को संबोधन राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में सिविल सेवकों(Civil Servants) की महत्वपूर्ण भूमिका की एक शक्तिशाली याद दिलाता है। गैर-पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण अपनाकर, राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देकर और कानून के शासन को बनाए रखते हुए, वे भारत के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। निरंतर सीखने, नैतिक शासन और समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता के लिए उपराष्ट्रपति(Vice-President) का आह्वान उन मूल्यों को रेखांकित करता है जो राष्ट्र की सेवा की उनकी प्रतिष्ठित यात्रा में प्रत्येक सिविल सेवक(Civil Servants) का मार्गदर्शन करना चाहिए।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति।
इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही जिनमें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की सचिव श्रीमती एस. राधा चौहान, राज्य सभा के सचिव श्री राजित पुन्हानी, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती नीला मोहनन, उपराष्ट्रपति(Vice-President) सचिवालय के अधिकारीगण, प्रशिक्षु अधिकारीगण तथा अन्य गणमान्य अतिथि शामिल थे।