जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने जिला कार्यालय स्थित राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र में जनपद स्तरीय जल संरक्षण एवं संवर्धन समिति की बैठक ली। जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल स्त्रोतो, जल धाराओं व नदियों के पुनर्जीवीकरण को लेकर कार्ययोजना तैयार करते हुए प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
शुक्रवार को आयोजित जल संरक्षण एवं संवर्धन की बैठक में जिलाधिकारी ने सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल संरक्षण अभियान के तहत बनाये जा रहे प्लान में जनपद की कोई तीन नदियों सहित उसकी 20 सहायक नदियों को शामिल करने के साथ ही प्रत्येक विकासखण्ड से 10-10 कुल 150 जल स्त्रोतों को शामिल करना सुनिश्चित करें। उन्होने स्पष्ट किया कि जिन जल स्त्रोत को पुनर्जीवित करने के लिए कार्ययोजना में शामिल किया जा रहा है वे उन बीस सहायक नदियों से सम्बंधित हो।
उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों सहित जल संस्थान व जल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद क्षेत्रांतर्गत पेयजल संकट ग्रस्त इलाको में पेयजल आपूर्ति हेतु विभागीय स्तर पर की जा रही कार्यवाही से आज ही जिला कार्यालय को उपलब्ध कराना करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण व संवर्धन के लिए जिला मुख्यालय जलागम कार्यालय में एक कन्ट्रोल रुम स्थापित किया जायेगा ताकि कार्ययोजना में शामिल क्रियाकलापों की गतिविधियों व कार्य प्रगति की दैनिक रूप से मॉनिटरिंग की जा सके। उन्होने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि कार्ययोजना में शामिल इन जल स्त्रोतों, नदियों के जलस्तर (वाटर लेवल) का आंकड़ा कार्य से पहले व कार्य के बाद दोनों ही रूप में रखा जाय। ताकि जल संरक्षण को लेकर धरातल पर होने वाले कार्यों के उपरान्त जलस्तर में बढ़ोतरी का आंकलन करने में आसानी हो सके।
बैठक में प्रशिक्षु आई0ए0एस0 दीक्षिता जोशी, अधिक्षण अभियन्ता जल संस्थान पी0के0 सैनी, अधिक्षण अभियन्ता जल निगम मो0 मिसम, जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर, मुख्य शिक्षाधिकारी दिनेश चंद गौड, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र चौधरी, जिला पंचायतराज अधिकारी जितेन्द्र कुमार, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान एस0के0 राय, अधिशासी अभियन्ता जल निगम बीरेन्द्र भट्ट सहित डीएफओ गढ़वाल, सभी एसडीएम व जल संस्थान व जल निगम के क्षेत्रीय अधिकारी आभासी माध्यम से बैठक में उपस्थित रहे।