नगर पंचायत थराली के अन्तर्गत सिमलसैंण गांव के ग्रामीण बीते तीन सप्ताह से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं, ग्रामीणों का कहना है, जल संस्थान द्वारा अधिकतम पानी का बिल लिया जा रहा हैं, जबकि जल संस्थान के द्वारा ना तो यह पानी की लाइन बनाई गई थी और तो और इस लाइन पर कुछ कार्य भी जल संस्थान द्वारा नहीं किया गया है |
सुभाष पिमोली थराली
ग्रामीणों द्वारा श्रमदान कर यह पानी की लाइन बनाई गई थी, सिमलसैंण गांव जब ग्राम पंचायत चौण्डा से पृथक हो कर नगर पंचायत में सम्मिलित हुआ उस समय यह पानी की लाइन जल संस्थान को स्थानांतरित की गई, उस समय से ना तो समय पर टैंक की सफाई की जाती हैं, और ना ही टैंक के पानी को बैक्टीरिया/ वायरस से बचाने के लिए दवाईयां डाली जाती हैं।
ग्रामीणों का कहना है बीते 20 दिनों से लगातार इस सम्बन्ध में जल संस्थान के जे ई तथा फीटर को लगातार सूचना देने के बावजूद भी पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया हैं।
भीषण गर्मी के इन दिनों में गौवंशीय पशुओं, नहाने, कपड़े धोने तथा शौचालय के लिए भी पानी नहीं है, गांव के धारे से ग्रामीण पानी भरकर ला रहे हैं, ग्रामीणों का कहना हैं,जल संस्थान के द्वारा पानी के बिल का मनमाना दाम लिया जा हैं,और पानी भी नहीं दिया जा रहा हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है यदि जल्द से जल्द पानी की समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तो ग्रामीण अधिशासी अभियंता कार्यालय जल संस्थान कर्णप्रयाग में धरने पर बैठने के लिए विवश होंगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन- प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की होगी।
इस सम्बन्ध में लीलानन्द चन्दोला, राजेन्द्र प्रसाद, गणेश दत्त, अनिल चन्दोला, प्रेम बल्लभ चन्दोला, भुवन चन्दोला, गीता देवी, ऊषा देवी, अनीता देवी, पार्वती देवी, गंगा देवी, सुमित्रा देवी आदि ग्रामीणों ने जल्द से जल्द पानी की समस्या का समाधान करने की मांग की हैं।