चारधाम यात्रा को शुरू हुए 10 दिन ही हुए हैं और करीब 6 लाख के आसपास श्रद्धालु ने चारों धामों में पहुँच चुके हैं।
आपको बतादें कि यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुलने के साथ ही यात्रा शुरूआत हो गई थी, लेकिन बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलने के साथ ही चारोंधामों की यात्रा भी शुरू हो गई | यात्रा की शुरुआत से ही जबरदस्त उत्साह दिखाई दिया है |
ज्ञान्त हो कि यात्रा को शुरू हुए अभी १० दिन हो चुके हैं और करीब 6 लाख के आसपास श्रद्धालु चारों धामों में पहुँच चुके हैं। सबसे बड़ी बात देखने को इस वर्ष देखने को मिली है कि १० दिन में चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या विगत वर्ष की अपेक्षा लगभग 75 प्रतिशत ज्यादा है।
जिस तरह से लगातार धामों में श्रद्धालु पहुचं रहे हैं, उसे देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस वर्ष चारों धामों में श्रद्धालुओं के पहुँचने का एक नया रिकार्ड कयाम होगा | साथ ही इस वर्ष धामों में मौसम भी सही बना हुआ है, न तो धामों में ज्यादा बरसात हुई और ना ही बर्फबारी हुई है |
चारोधामो में सबसे ज्यादा केदारनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालु उमड़ रहे हैं और लगातर यात्रियों का आना लगा हुआ है | जिसका असर यात्राओं के पडाओं पर देखने को मिल रहा है |
यात्रियों की संख्या को लेकर शासन और प्रशासन मुस्तेदी
जब से चारधाम यात्रा के कपाट खुले हैं तब से लगातार ही यात्रा गतिमान है। लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या को लेकर शासन और प्रशासन मुस्तेदी के साथ डटा हुआ है और यातायात व्यवस्था को लेकर चाक चौबंद व्यवस्था की गई है |
यात्रा में यातायात की व्यवस्था सही और सुचारू चलने के कारण यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह है। जिस कारण यात्रा में शनिवार तक 5 लाख 90 हजार 534 श्रद्धालु चारोंधामों में दर्शन करने पहुंचें।
सबसे अधिक 2 लाख 81 हजार 713 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे हैं, जबकि यमुनोत्री में 1 लाख 11 हजार 473, गंगोत्री में 1 लाख चार हजार 441 और बदरीनाथ में 92 हजार 907 श्रद्धालुओं ने दर्शन करें हैं।
देशभर से श्रृद्धालु चार धाम की पवित्र यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंच रहे हैं | यात्रा में पहुचने वालों में हर आयु वर्ग के यात्री पहुँच रहे है | वहीँ स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड के द्वारा जारी आकंड़ों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 17 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। विभाग ने बताया कि अभी तक हुई मौतों में बुजुर्ग ही है जो दिल और सांस लेने की समस्या से पीड़ित थे l