उत्तराखण्ड राज्य के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक प्राथमिक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जारी विज्ञप्तियों में संशोधन के बाद डीएलएड प्रशिक्षुओं में होली-दीपावली जैसा माहौल है। शासनादेश दिनांक 29 मई, 2024 के तहत प्रदान की गई अनुमति के क्रम में, राज्य के समस्त जनपदों द्वारा क्रमशः 11-06-2024 एवं 13-06-2024 को विस्तृत विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी।
इस भर्ती प्रक्रिया में प्रतीक्षारत डीएलएड प्रशिक्षुओं द्वारा दायर गतिमान विशेष अपील में मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड द्वारा दिनांक 08-07-2024 को पारित अंतरिम निर्णयादेश के अनुपालन में जनपद स्तर पर निर्गत विज्ञप्तियों में संशोधन किया गया है। इसके अंतर्गत राज्य के समस्त डायटों में प्रशिक्षणरत द्विवर्षीय डीएलएड प्रशिक्षुओं, जिनकी परीक्षा दिनांक 06-07-2024 को सम्पन्न हुई थी, को विज्ञप्ति में आवेदन करने हेतु दिनांक 20-07-2024 तक अवसर प्रदान किया गया है।
इस फैसले से प्रतीक्षारत प्रशिक्षुओं में खुशी का माहौल है। डीएलएड प्रशिक्षु याचिकाकर्ताओं के पक्ष में हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश ने उनकी आशाओं को पुनर्जीवित कर दिया है। प्रतीक्षारत प्रशिक्षुओं ने इस अवसर पर कहा, “सत्य परेशान हो सकता है, किन्तु कभी पराजित नहीं।”
प्रतीक्षारत डायट प्रशिक्षुओं के प्रतिनिधि, डोईवाला महाविद्यालय के पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि, अधिवक्ता अंकित तिवारी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय न्याय और सच्चाई की जीत है।उत्तराखण्ड के प्रतीक्षारत डीएलएड प्रशिक्षुओं को सहायक अध्यापक (प्राथमिक) के पद पर चयन प्रक्रिया में शामिल होने का यह सुनहरा अवसर मिला है, जिससे उनके सपनों को नई उड़ान मिल मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह फैसला न केवल प्रतीक्षारत प्रशिक्षुओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह न्याय और सच्चाई की जीत का प्रतीक भी है। यह दिखाता है कि संघर्ष और धैर्य के साथ, किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालयों में नई ऊर्जा और उत्साह के साथ प्रशिक्षु अध्यापक अब अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए तैयार हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद की जा सकती है।
रिपोर्ट उत्तम सिंह